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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 2 Feb 2023 3:38 pm IST

मनोरंजन

Success Story: मां-पापा ने एक-एक पैसा जोड़कर पढ़ाया, तो बेटे ने भी पूरा किया सपना, पहले ही अटेंप्ट में बना IAS


सिविल सेवा परीक्षा पास करना सबके बस में नहीं होता लेकिन कई अगर कोई ठान ले तो ये मुश्किल भी नहीं है। ऐसी ही कहानी है आईएएस विजय अमृता कुलंगे की। विजय इन दिनों ओडिशा के गंजम जिले के कलेक्टर के पद पर तैनात हैं।  उन्होंने पहले प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) एग्जाम क्लियर कर ये सफलता हासिल की।  महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण के छोटे से गांव में जन्मे विजय के पिता दर्जी का काम करते थे जबकि उनकी मां खेतों में दिहाड़ी मजदूरी करती थी। कुलंगे कहते हैं कि उनके माता-पिता ने कभी भी उनकी पढ़ाई में कोई बाधा ही आने दी। 
"उन्होंने मेरी पढ़ाई के दौरान मेरी सभी जरूरतों को पूरा किया, मुझे किताबों या अन्य शैक्षिक चीजों की कभी कमी महसूस नहीं हुई।  विजय कुलंगे ने अहमदनगर आवासीय हाई स्कूल में साइंस स्ट्रीम में एडमिशन लिया। यहां से 12वीं पास करने के बाद विजय की डॉक्टर बनने की इच्छा थी। हालांकि, वह घर की खराब आर्थिक स्थिति की वजह से एमबीबीएस में एडमिशन नहीं ले सके। बाद में उनकी मां ने उन्हें नौकरी पाने और आत्मनिर्भर बनने के लिए अपनी रुचियों के अनुकूल करियर बनाने की सलाह दी।
इसके बाद उन्होंने डिप्लोमा इन एजुकेशन (डी.एड) की पढ़ाई  की और एक सरकारी स्कूल में प्राइमरी टीचर के रूप में नौकरी करने लगे। पुणे विश्वविद्यालय से डिप्लोमा हासिल करने के बाद, उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की और महाराष्ट्र सिविल सेवाओं के लिए आवेदन किया लेकिन अपने पहले दो प्रयासों में उन्हेंसफलता नहीं मिली लेकिन तीसरे अटेंप्ट में वह सफल हो गए और उनका चयन सेल्स टेक्स इंस्पेक्टर के रूप में कर लिया गया।  इसके बाद अपने चौथे अटेंप्ट में वह तहसीलदार बन गए।  जब वे तहसीलदार के रूप में काम कर रहे थे, तब उनके कलेक्टर (एक IAS अधिकारी) ने उन्हें UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने को कहा।  इसके बाद कुलंगे ने यूपीएससी की परीक्षा दी और पास हुए। परीक्षा में उन्होंने 176वीं रैंक हासिल की और साल 2013 में उन्हें ओडिशा कैडर में नियुक्त किया गया।