कोविड 19 के प्रकोप के मद्देनजर बीते वर्ष वेंटिलेटर सिस्टम की अनुपलब्धता को देखते हुए एम्स ऋषिकेश व आईआईटी रुड़की के संयुक्त प्रयासों से प्राणवायु पोर्टेबल वेंटिलेटर सिस्टम ईजाद किया गया था। इसको बनाने में मात्र 25 से 30 हजार रुपये लागत आई थी।
जबकि बाजार में उपलब्ध अन्य वेंटिलेटर की कीमत करीब 8 से 10 लाख रुपये है। उस वक्त अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इसका परीक्षण सफल रहा था। उम्मीद जताई गई थी कि आने वाले दिनों में पोर्टेबल वेंटिलेट सिस्टम कोरोना संक्रमित मरीजों क लिए संजीवनी बनेगा, लेकिन आज जब इस सिस्टम की सबसे अधिक जरूरत है, अभी तक इसका व्यावसायिक उत्पादन ही शुरू नहीं हो पाया है।