भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हरहठ यानी हलषष्ठी का त्योहार मनाया जाता है. इसे हलछठ, ललई छठ और ललही छठ भी कहते हैं. इस दिन माताएं संतान की लंबी आयु और उनकी सुख-समृद्धि के लिए यह उपवास करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन व्रत करने से मिला पुण्य संतान को संकटों से मुक्ति दिलाता है. इस साल हलषष्ठी का त्योहार बुधवार, 17 अगस्त को मनाया जाएगा.
हलषष्ठी का शुभ मुहूर्त
इस साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि बुधवार, 17 अगस्त को शाम 06 बजकर 50 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 18 अगस्त को रात 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगी. इस दिन माताएं अपने पुत्र के हिसाब से मिट्टी के छह छोटे बर्तनों में पांच या सात भुने हुए अनाज या मेवा भरती हैं. हलषष्ठी पर श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के शस्त्र की पूजा का भी विधान है, इसलिए इस दिन लोग हल से जुती हुई चीजों का सेवन नहीं करते हैं. आप तिन्नी का चावल, केर्मुआ का साग, पसही के चावल खाकर ये व्रत कर सकते हैं.