उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से बुधवार को भूस्खलन न्यूनीकरण तथा जोखिम प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें शांतनु सरकार ने कहा कि हेलीकॉप्टर और ड्रोन से सर्वे होगा।
उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार ने कहा कि नैनीताल, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी और चमोली में भूस्खलन जोन चिह्नित करने के लिए लिडार सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे के आधार पर इन शहरों में भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट कार्य कराए जाएंगे।उन्होंने कहा कि यह सर्वे जल्द कराया जाएगा और इससे मिलने वाले डेटा का उपयोग विभागों के साथ साझा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे इन शहरों में सुरक्षित निर्माण कार्यों के साथ ही भूस्खलन संभावित क्षेत्रों का ट्रीटमेंट भी किया जा सकेगा।संभावित क्षेत्रों में रॉक फॉल टनल बनाकर यातायात को सुचारु बनाए रखने में भी उपयोग किया जा सकेगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग के वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कन्नौजिया ने इस दौरान बताया कि नासा-इसरो सार मिशन (निसार इसी साल लांच होगा।