मंकीपॉक्स का जैसे-जैसे प्रकोप बढ़ रहा है। वैसे-वैसे अब चिकित्सीय अध्ययन भी सामने आने लगे हैं। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में 98 फीसदी मंकीपॉक्स संक्रमित मरीज समलैंगिक या फिर उभयलिंगी पाए गए हैं।
दरअसल इस साल 27 अप्रैल से 24 जून के बीच मंकीपॉक्स के 528 संक्रमित मरीजों को लेकर अध्ययन किया गया। जिसमें पाया गया कि, मंकीपॉक्स संक्रमण वाले 98 फीसदी लोग समलैंगिक या उभयलिंगी पुरुष थे। इनकी औसतन आयु 38 साल है। इसके अलावा, करीब 95 फीसदी लोग यौन संबंधों के दौरान एक दूसरे से संक्रमित हुए।
वहीं इस अध्ययन को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि, इससे समलैंगिक समुदाय के खिलाफ गलत भावना नहीं आनी चाहिए। यह एक स्थिति है जो किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। अध्ययन में यह भी पता चला है कि, मंकीपॉक्स संक्रमित सभी मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। करीब 13 फीसदी रोगियों को भर्ती करना पड़ा था जिनमें चकत्ते, बुखार, सुस्ती, मायलागिया सिरदर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन इत्यादि लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
शोधार्थियों की माने तो, मंकीपॉक्स विभिन्न प्रकार के त्वचा विज्ञान से संबंधित संक्रमण है। बीते कुछ समय से संक्रमण के मामले उन क्षेत्रों से बाहर मिल रहे हैं। जहां मंकीपॉक्स पारंपरिक रूप से स्थानिक रहा है। इसके सामुदायिक प्रसार को रोकने के लिए मरीजों की समय पर पहचान, निगरानी और इलाज पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।