केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हल्द्वानी में आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. गुस्साए आशा वर्कर्स ने सरकार से सरकारी कर्मचारी घोषित करने और उचित मानदेय देने की मांग उठाई. साथ ही मांग पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.हल्द्वानी में भारी संख्या में आशा वर्कर्स जमा हुए. जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि पिछले कई सालों से ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य सेवा की बुनियाद के रूप में आशा वर्कर्स सेवा देती आ रही हैं. आशाओं की सेवाओं का ही प्रतिफल है कि सरकारी संस्थागत प्रसव और जन्म मृत्यु की दर में उल्लेखनीय स्तर तक उपलब्धि हासिल हुई है. कोरोना महामारी के समय जान जोखिम में डाल कर कार्य किया गया. लेकिन सरकार ने पिछले एक दशक से आशाओं का वाजिब मेहनाताना नहीं दिया है. आशा वर्कर्स ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा एक साल पहले उनको 11 हजार रुपए मानदेय देने का वादा किया गया था, लेकिन अभी तक कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ है.