उत्तराखंड चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो गई है. चारधाम यात्रा के शुरू होने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं को पोल खुलती नजर आई. दरअसल, पिछले दो दिनों के भीतर दो श्रद्धालुओं को हृदय गति रुकने से मौत हो गई है. अभी भी स्वास्थ्य विभाग अपनी व्यवस्थाएं मुकम्मल होने का दावा कर रहा है. दो श्रद्धालुओं की मौत के बाद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट कर दिया है.
.स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को तत्काल एयरलिफ्ट किया जाए. श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिए जाने को लेकर चारधाम यात्रा मार्गों पर 48 स्थाई चिकित्सा इकाई और 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित की गई हैं. इन सभी चिकित्सा इकाइयों पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक और 182 चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं. इसके साथ ही 95 पीओसीटी डिवाइसेज उपलब्ध कराई गई हैं. जिससे ईसीजी के साथ ही आक्सीजन लेवल की भी जांच कर सकेंगे.