अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर सैन्याभ्यास शुरू किया गया। दोनों देशों के बीच पांच वर्ष में यह इस तरह का पहला सैन्याभ्यास है।
इससे एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने अभ्यास के संभावित जवाब में छोटी दूरी का बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण किया गया था। संभावना जताई जा रही है कि, उत्तर कोरिया आने वाले दिनों में और परीक्षण करेगा, क्योंकि वो अमेरिका-दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यासों को देश पर आक्रमण करने के अभ्यास के तौर पर देखता है, और अकसर अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करने के लिए तैयार किए गए हथियारों का प्रदर्शन करता रहता है।
दक्षिण कोरिया की नौसेना के बयान में कहा कि, चार दिन के इस अभ्यास का मकसद उत्तर कोरिया के उकसावे का जवाब देने के लिए सहयोगियों के ठोस संकल्प को जताना और संयुक्त नौसैन्य अभ्यास की क्षमता में सुधार करना है। जबकि उत्तर कोरिया ने आगे भी एटमी परीक्षण की धमकी दी है।
बताते चलें कि, इस अभ्यास में 20 से ज्यादा अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई नौसैन्य जहाज हिस्सा लेंगे। इनमें परमाणु ऊर्जा से संचालित विमान वाहक यूएसएस रोनाल्ड रीगन, एक यूएस क्रूजर और दक्षिण कोरियाई व अमेरिकी विध्वंसक पोत शामिल हैं। अभ्यास में दोनों देशों के लड़ाकू विमान व हेलिकॉप्टर भी शामिल होंगे।