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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 26 Sep 2022 9:00 am IST


नवरात्रि में माता रानी का 16 श्रृंगार है बेहद खास, जानें कैसे करें श्रृंगार?


आज यानि 26 सितंबर सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। इसके साथ ही सभी मंगल कार्य शुरू हो जाएंगे। नवरात्रि में मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है, ताकि माता रानी का आशीर्वाद बना रहे। नवदुर्गा के 9वों स्वरूपों की अलग-अलग दिन उपासना होती है। उनका अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है। तो आइए जानते हैं माता के 16 श्रृंगार का क्या महत्व है और 16 श्रृंगार में कौन-कौन से श्रृंगार के सामान आते हैं। 

माता रानी के 16 श्रृंगार का सामान
माता रानी को ज्यादतर लाल रंग पसंद है। इस पूजा में इस्तेमाल होने वाली अधिकतर चीजें लाल हैं। जैसे- लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, चोटी, मंगल सूत्र या गले के लिए माला, पायल, नेलपॉलिश, लाली, कान की बाली और चोटी में लगाने के लिए रिबन आदी से माता का सुंदर श्रृंगार किया जाता है। 

कैसे करें माता रानी का श्रृंगार ?
सबसे पहले देवी दुर्गा को स्थापित करने के लिए एक चौकी लगाएं और उस पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद उस जगह पर माता रानी की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें और मां को टीका लगाएं और श्रृंगार का सभी सामान अर्पित कर दें। 

16 श्रृंगार का क्या है महत्व ?
हमने श्रृंगार की बात तो कर ली लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि आखिर 16 श्रृंगार क्यों किया जाता है। माना जाता है कि नवरात्रि में जो भी माता रानी को 16 श्रृंगार चढ़ाता है, उसके घर में सुख-समृद्धि आती है और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में ध्यान रहे कि जो भी महिला माता रानी को 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करे, उसे खुद भी 16 श्रृंगार करना जरूरी है। ऐसा करने से मां जल्द प्रसन्न हो जाती है और अखंड सौभाग्यवती का वरदान देती है।