हाल ही में केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर देय ब्याज दरों में की गई कमी को वापस ले लिया। लेकिन अगली तिमाही में सरकार फिर ऐसा फैसला कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो इसका सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बुजुर्गो पर पड़ेगा। ग्रामीण बुजुर्ग अभी भी इन योजनाओं में निवेश करते हैं और इसकी ब्याज आय से जीवन-यापन करते हैं।
एसबीआइ ने इस समूचे तंत्र पर एक अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा है कि देश में बुजुर्गो की आबादी बढ़ते देख सरकार को छोटी बचत योजनाओं को आकर्षक बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए। वर्ष 2011 में देश की आबादी में बुजुर्गो का हिस्सा 8.6 फीसद था जो वर्ष 2041 तक बढ़कर 15.9 फीसद हो जाने की संभावना है।