नई दिल्ली: कांग्रेस के कद्दावर नेता
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ दी। वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस के सभी पदों
और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके लिए उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी
को पांच पन्नों का इस्तीफा भेजा है।
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को भेजे खत में लिखा है कि पार्टी में दुर्भाग्य से जब राहुल गांधी की एंट्री हुई और जनवरी, 2013 में जब उनको आपने पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया तो उन्होंने पार्टी के सलाहकार तंत्र को पूरी तरह से तबाह कर दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की एंट्री के बाद सभी विरष्ठ और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया। राहुल के नेतृत्व में गैरअनुभवी चापलूसों का नया ग्रुप खड़ा हो गया और यही पार्टी को चलाने लगा।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष पद से भी दिया
था इस्तीफा
कई दिनों से आजाद हाईकमान के फैसलों से नाराज थे। कांग्रेस ने
इसी माह 16 अगस्त को आजाद को जम्मू-कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया
था, लेकिन उन्होंने अध्यक्ष बनाए जाने के दो घंटे बाद ही पद
से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि ये मेरा ‘डिमोशन’ है।
73 वर्षीय गुलाम नबी आजाद अपनी सियासत के अंतिम पड़ाव पर फिर
प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालना चाह रहे थे, लेकिन केंद्रीय
नेतृत्व ने 47 वर्षीय विकार रसूल वानी को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी। वानी, आजाद के बेहद करीबी हैं और बानिहाल से विधायक रह चुके हैं।
यह फैसला आजाद को पसंद नहीं आया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व गुलाम नबी आजाद
के करीबी नेताओं को तोड़ रहा है और इससे आजाद खफा हैं।