राज्य ओलंपिक संघ आयोजन से पहले खेलों की पूरी तैयारी की बड़ी-बड़ी डींगें हांक रहा था, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही थी। शुक्रवार को अव्यवस्थाओं के चलते हर खिलाड़ी परेशान नजर आया। हालांकि कोई खुलकर भले ही कुछ नहीं बोल रहा था लेकिन उनकी परेशानी पर बड़े बल सारी कहानी बयां कर रहे थे बास्केटवाल, बैडमिंटन, फुटवाल समेत हर खेल में बड़ी-बड़ी खामियां नजर आईं, लेकिन अतिथियों के स्वागत में लगे आयोजकों की इन पर शायद नजर नहीं पड़ी या जानबूझकर इसे अनदेखा कर गए। नतीजतन खिलाड़ी मजबूरन उन स्थानों पर खेले। चाहे मैदान में अव्यवस्था की बात हो या खेल रद्द होने की या विशेषज्ञ के बिना खेल की, हर खेल के साथ कोई न कोई खेला जरूर होता दिखा।
स्टेडियम के पुराने इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन के चार कोर्ट बने थे। यकीन नहीं होगा इसमें एक कोर्ट पर मात्र 12 साल की उम्र का लड़का वंश दास रैफरी बना था। कमाल की बात है कि कोई उसे टोक भी नहीं रहा था। प्री-क्वार्टर फाइनल तक इसी ने खिलाड़ियों पर फैसला लिया।