हाईकोर्ट ने कुम्भ मेले में कोरोना टेस्टिंग के दौरान हुए फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मलिका पंत की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद इसे बुधवार के लिए भी जारी रखा है। मंगलवार को सरकार, कोर्ट में जवाब पेश नहीं कर पाई। जिस पर सरकार ने बुधवार तक का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई।
शरद पंत व मलिका पंत ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है, इस पर रोक लगाई जाए। वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं। परीक्षण और डाटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉरपोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। परीक्षण और डाटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टालों के कार्य को मंजूरी दी गई। अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो तब अधिकारी चुप क्यों रहे?