शहरों में दुल्हन की विदाई ज़्यादातर सजी धजी कार से होती है, लेकिन गांवों में अब भी डोली में विदाई की परंपरा कई जगह निभाई जाती है. लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ों में रीति रिवाज अलग भी हैं और काफी पुराने भी. यहां एक परंपरा के चलते दुल्हन की विदाई डोली नहीं, बल्कि घोड़े पर होती है. दुल्हन को परिजन पकड़कर घोड़े पर बिठा देते हैं और दूल्हा अलग घोड़े पर होता है. तस्वीरों में देखिए परंपरा की पूरी कहानी. पहले इस तस्वीर को देखिए. ये तस्वीर है जनपद चमोली के दशोली ब्लॉक के दूरस्थ ईराणी क्षेत्र में हो रही एक शादी की. यहां आज भी गांव में जब भी बेटी की शादी होती है तो यहां बेटी को पारंपरिक ढंग से ही विदा किया जाता है.