नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एबीजी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन ऋषि अग्रवाल को 22 हजार करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की शुरुआत सन् 1985 में हुई थी। एबीजी समूह की यह शिपयार्ड कंपनी गुजरात के सूरत और दाहेज में पानी के जहाज बनाने और उनकी मरम्मत का काम करती है। अब तक यह कंपनी 165 जहाज बना चुकी है।
इस शिपयार्ड कंपनी ने सन् 1991 तक तगड़ा मुनाफा कमाते हुए देश-विदेश से बड़े
ऑर्डर हासिल किए। वर्ष 2016 में कंपनी को 55 करोड़ डॉलर से अधिक
का भारी नुकसान हुआ और इसके बाद एबीजी शिपयार्ड की ढीली होती गई। कंपनी ने अपने
वित्तीय हालत का हवाला देते हुए बैंकों से कर्ज लिया और इस बड़े घोटाले को अंजाम
दिया।
बैंकों से लिया इतना कर्ज
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के अनुसार, कंपनी ने बैंक से 2,925 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। इसके अलावा ICICI बैंक से 7,089 करोड़, IDBI बैंक से 3,634 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 1,614 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक
से 1,244 करोड़, इंडियन ओवरसीज
बैंक से 1,228 करोड़ रुपये का
कर्ज लिया। कंपनी ने इस तरह से कुल 28 बैंकों से कर्ज लिया। SBI ने अपनी शिकायत
में बताया कि इन पैसों का इस्तेमाल उन मदों में नहीं हुआ, जिनके लिए बैंक
ने इन्हें जारी किया था बल्कि इसे दूसरे मदों में लगाया गया।