हरिद्वार /विश्व हिंदू परिषद के धर्माचार्य संपर्क अभियान द्वारा वर्चुअल वेबीनार के माध्यम से पश्चिम बंगाल में हो रही हिंदू उत्पीड़न की घटना हेतु आयोजित किया गया पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर जो अमानवीय अत्याचार किया जा रहा है तथा वहां से लगभग 11000 हिंदुओं के विस्थापन होने की घटना को किस प्रकार रोका जा सके, विषय में उत्तराखंड प्रांत के सभी सन्त पंथ संप्रदाय के धर्माचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते किए विचारों की संख्या में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्री महंत स्वामी महेश्वरदास महाराज ने कहा कि इस प्रकरण को देखते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे दूसरा जम्मू कश्मीर निर्माण की ओर अग्रसर हो रहा हो। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के पूज्य आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि अब पश्चिम बंगाल की इस स्थिति में रहना बहुत मुश्किल हो गया है वहां पर रहने के लिए वहां की सरकार जजिया कर वसूल रही है और भविष्य में टीएमसी के लिए कार्य करना पड़ेगा ऐसा शपथ पत्र मांग रही है यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
तपोनिधि श्री पंचायती अखाड़ा आनंद के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि हिंसा पीड़ित क्षेत्र में व्यवस्थाएं दी जाए और राज्य सरकार नहीं करती तो केंद्र सरकार राज्यपाल के द्वारा व्यवस्था कराएं।श्रीदिगंबर अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरदास वैष्णव महाराज ने कहा कि संतो को जो वहां हिंसा पीड़ित हैं या हिंसा पीड़ित क्षेत्र हैं उनमें से एक-एक जिला या एक-एक गांव अपने सामर्थ्य अनुसार गोद ले लेना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि इस प्रकरण की घोर निंदा करता हूं.
वहां पर स्थिति बहुत खतरनाक है और वहां हिंदू या अन्य समाज वर्गों का खासतौर पर दलित वर्ग का रहना बहुत मुश्किल हो गया है सरकार को शीघ्र ध्यान में लेना चाहिए। स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि स्थितियां ऐसी आ गई है कि सर्वोच्च न्यायालय को स्वयं कमेटी बनाकर वहां का संज्ञान लेना चाहिए अन्यथा वहां की स्थिति दयनीय और सोचनिय हो जाएगी। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र ने कहा कि इस समय पश्चिम बंगाल की स्थिति बहुत संवेदनशील है आप सभी संत महापुरुषों के सहयोग से वहां पुनर्वास किया जा सकेगा,मेरा ऐसा मानना है। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री व केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने प्रस्तावना रखते हुए सभी मूल विषय के बारे में बताते हुए सहयोग की बात रखी कार्यक्रम संयोजक प्रांत धर्माचार्य संपर्क प्रमुख राकेश बजरंगी ने वेबीनार का कुशल संचालन किया।
बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी पूज्य युगपुरुष महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर अभयानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर जनकपुरी, महामंडलेश्वर रामेश्वरआनंद, महामंडलेश्वर श्रीशिव प्रेमानंद, महामंडलेश्वर ज्योतिर्मय आनंद, महंत रविदेव शास्त्री, महंत राममुनि, महंत दयाराम दास, स्वामी गोपालआचार्य, स्वामी दिव्यांशु वेदांती, स्वामी विज्यनंद सरस्वती, स्वामी अखंडानंद, स्वामी सत्यानंद, स्वामी सुदर्शनदास, स्वामी पुष्पेंद्रपुरी, महंत ऋषभ वशिष्ट, आदि सभी संतो ने अपने विचार व्यक्त किए
जिला धर्माचार्य सह संपर्क प्रमुख मयंक चौहान ने वेबीनार में सभी के सहयोग का आभार व्यक्त किया।
वेबीनार में अधिकारी रहे उपस्थित केंद्रीय संयुक्त महामंत्री राघबल्लू, प्रांत उपाध्यक्ष प्रदीप मिश्र, प्रांत सहसंगठन मंत्री अजय, प्रांत प्रमुख समन्वय मंच पंकज चौहान, जिलाअध्यक्ष नितिन गौतम, समन्वय मंच प्रांत सदस्य विजय पाल आर्य, प्रांतीय टोली के सदस्य प्रभाकर कश्यप आदि प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।