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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 19 May 2023 11:57 am IST


सरकारी स्कूलों में बच्चों को नहीं मिली किताबें, पठन-पाठन बाधित


हल्द्वानी: उत्तराखंड में एक अप्रैल से स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है. लेकिन सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुफ्त मिलने वाली किताबें नहीं मिल पाई हैं. जिसके चलते स्कूली बच्चों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है. दरअसल, सरकारी स्कूलों में छात्रों को मुफ्त किताबें वितरित की जाती हैं. लेकिन इस बार नए शैक्षणिक सत्र में अभी तक किताबें नहीं मिलने से कक्षा एक से लेकर इंटरमीडिएट के बच्चों का भविष्य भी खतरे में है.छात्रों को मुफ्त पुस्तकें कब मिलेंगी, यह अभी कहना मुश्किल है. फिलहाल विभागीय मंत्री धन सिंह रावत इस पूरे मामले में जल्द से जल्द किताबें उपलब्ध करने का दावा कर रहे हैं. उत्तराखंड में सरकार कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों को मुफ्त पाठ्य पुस्तक देने को बड़ी उपलब्धि के रूप में गिनाती रही है. प्रदेश में 16,501 सरकारी और 614 अशासकीय स्कूल हैं, जहां करीब 11 लाख बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जानी हैं. नियमानुसार हर साल शिक्षा सत्र एक अप्रैल को शुरू होने से पहले सभी छात्र-छात्राओं तक मुफ्त पाठ्य पुस्तकें पहुंच जानी चाहिए.लेकिन कुछ स्कूलों को छोड़कर अधिकतर स्कूलों में किताबें अभी तक नहीं पहुंची हैं. बताया जा रहा है कि इस बार किताबें छपवाने में लेटलतीफी का खामियाजा स्कूली छात्रों को उठाना पड़ रहा है. इस पूरे मामले में शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत का कहना है कि अभी तक सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जाती थी. लेकिन इस बार से अशासकीय विद्यालयों के छात्रों को भी पुस्तकें उपलब्ध कराई जानी हैं. जहां करीब चार लाख बच्चों को किताबें मुफ्त में दी जाएंगी जिसके चलते किताबों के छपने में लेटलतीफी हो रही है.