पिथौरागढ़-एलएसएम महाविद्यालय में रवांई किसान आंदोलन की स्मृति में शहीद दिवस मनाया गया। इस दौरान इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. नवीन चंद्र रजवार की ओर से रवांई आंदोलन की स्मृति में लिखी गई पुस्तक दंडकाणियों ढंडक पुस्तक का विमोचन किया गया।
महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. पुष्कर सिंह बिष्ट ने दंडकाणियों का ढंडक पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक में टिहरी रियासत के अंतर्गत सामंतवादी जन विरोधी नीतियों के चलते होने वाले ढ़डकों(प्रतिरोध)पर प्रकाश डाला गया है। इन प्रतिरोधों में की चरम पराकाष्ठा 30 मई 1930 को तिलाड़ी के मैदान में देखने को मिली जब रियासत के शासक नरेंद्रशाह के दीवान चक्रधर जुयाल ने एक नृशंस हत्याकांड को जन्म दिया। इसे उत्तराखंड का जलियावाला के नाम से जाना जाता है। इस मौके पर इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. हेमलता पंत, डॉ. सरोज वर्मा, डॉ. हेम चंद्र पांडेय, डॉ. गिरीश चंद्र पंत, डॉ. अभिषेक पंत, डॉ. रूपकिशोर द्विवेदी, डॉ. सोनी टम्टा, डॉ. नीलाक्षी जोशी, डॉ. गीता पांडे मौजूद रहे।