Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 24 Jul 2022 6:00 am IST

नेशनल

दिल्ली हाईकोर्ट ने किया साफ, दुष्कर्म के बाद पीड़िता से शादी करने से अपराध मुक्त नहीं होता आरोपी...


हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि, दुष्कर्म के बाद नाबालिग से शादी करने और बच्चे के जन्म के आधार पर अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती। ऐसे मामले में नाबालिग की सहमति का कोई मतलब भी नहीं रह जाता है क्योंकि कानून में उसका कोई महत्व नहीं है। 

अदालत में दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए जज अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि, बहला-फुसलाकर नाबालिग से संबंध बनाने के बाद उसकी सहमति के दावे को नियमित नहीं माना जा सकता। क्योंकि, दुष्कर्म केवल पीड़िता के खिलाफ ही नहीं बल्कि समाज के खिलाफ भी अपराध है। अदालत ने धारा 363, 366 व 376 के तहत दर्ज प्राथमिकी के अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी। 

मामले में प्राथमिकी पीड़िता की मां ने दर्ज कराई थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि, किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी 15 साल की बेटी का अपहरण कर लिया है। लड़की जुलाई 2019 से लापता थी। मोबाइल की तकनीकी निगरानी करने पर वह याचिकाकर्ता के घर से आठ महीने की बच्ची के साथ 5 अक्टूबर, 2021 को बरामद हुई थी।