पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज टिहरी विस्थापितों की समस्याओं को उठाया. उन्होंने टिहरी विस्थापितों को भूमिधर अधिकार दिलाए जाने की मांग की. इसके लिए हरदा मौन व्रत रखेंगे.उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रगति और भारत-रूस मैत्री का प्रतीक टिहरी डैम, उत्तराखंड का अभिमान रहा है और हमारी अर्थव्यवस्था का मेरुदंड भी है. यह सब टिहरी के निवासियों के सहयोग और उनकी महानता की बदौलत संभव हो पाया है.
हरीश रावत ने कहा कि वहां के लोगों ने राष्ट्र के आह्वान पर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया. लेकिन आज भी टिहरी विस्थापितों की तीसरी पीढ़ी मारी-मारी फिर रही है. उन्होंने कहा कि जहां स्थापित बसे हैं, वहां उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इन विस्थापितों में सबसे चिंताजनक स्थिति हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के भाग 1, 2, 3, 4 में बसे लोगों की है. उन्होंने पथरी क्षेत्र में बसे टिहरी विस्थापितों को भूमिधर अधिकार दिलाए जाने की मांग उठाई है.