त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने ब्लाक को विकास का पैमाना मानकर नई इबारत लिखने की तैयारी शुरू कर दी है। आंकाक्षी जिलों में शामिल दो जिलों हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर के 13 ब्लाकों को छोड़कर शेष 82 में से 16 ब्लाक विकास की दौड़ में अति पिछड़े घोषित किए गए हैं। अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार ने इन ब्लाकों की अधिसूचना जारी कर दी है।
इसके अलावा इनके पिछड़ेपन को दूर करने के लिए राज्य के अगले सालाना बजट में जिला योजना समेत विभिन्न स्तरों पर अलग से बजट प्रविधान किया जाएगा। राज्य में आर्थिक-सामाजिक विकास की दौड़ में जिलों में असमानता लंबे समय से बनी हुई है। चार पर्वतीय जिलों देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर की तुलना में शेष नौ पर्वतीय जिलों में आर्थिक विषमता की खाई चौड़ी हैं। पर्वतीय जिले आर्थिकी के साथ ही स्वास्थ्य, रहन-सहन की गुणवत्ता, बुनियादी सेवाओं के मामले में भी अच्छी स्थिति में नहीं हैं। वहीं हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जैसे पूरी तरह मैदानी जिले आर्थिक स्थिति अच्छी होने के बावजूद शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं के मामले में पिछड़े हैं।