उत्तरकाशी : राजा जनक निःसंतान थे. माना जाता है कि धरती में सोने का हल चलाने के बाद राजा जनक को धरती से पुत्री के रूप में सीता की प्राप्ति हुई थी. उत्तरकाशी के गांव संग्राली की रामलीला में राजा जनक के किरदार के साथ अजब सा मिथक जुड़ा हुआ है. यहां के लोग मानते हैं कि रामलीला में अगर निःसंतान व्यक्ति जनक का किरदार निभाता है तो उसे संतान की प्राप्ति अवश्य होती है. लगातार इस तरह के उदाहरण सामने आने से लोगों की मान्यता विश्वास में बदल गई है. अब तो ग्रामीण रामलीला में जनक के पात्र के लिए नि:संतान व्यक्ति का ही चयन करते हैं.रामलीला समिति के अध्यक्ष रविंद्र प्रसाद भट्ट व धर्मानंद नौटियाल ग्राम प्रधान संदीप सेमवाल ने बताया कि इस बार रामलीला में गांव के ही आशीष नैथानी जनक के पात्र का रोल निभा रहे हैं. इनकी शादी को तीन साल हो गये हैं, लेकिन अभी तक बच्चे नहीं हुए हैं. वहीं समिति के कोषाध्यक्ष परममानंद भट्ट बताते हैं कि कई ग्रामीणों को ईश्वरीय अनुकंपा से सरकारी नौकरी भी मिली है.