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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 23 May 2022 2:11 pm IST


लकड़ियों में सुंदर आकृतियां उकेर रहे राधेश्याम


विलुप्त होती काष्ठकला व वुडक्राफ्ट को जीवंत रूप देकर राज्य के विभिन्न तीर्थ स्थलों से लेकर महापुरुषों, सजावटी डिजाइनों को लकड़ियों पर सुंदर आकृतियां उकेर रहे हैँ राधेश्याम। लेकिन राधेश्याम को मेहनत के अनुरूप कीमत व सरकारों की ओर से कोई प्रोत्साहन नहीं मिलने से परिवार आर्थिक संकट में जी रहा है। वह इस कला को रोजगार से जोड़कर आगे बढ़ना चाहते हैं। विपणन की उचित व्यवस्था नहीं होने से निराश है।विधानसभा के जालली क्षेत्र के ग्राम पंचायत सुरे के राधेश्याम पिछले 10 वर्षों से लकड़ियों पर अपने हाथों का जादू बिखेर कर विभिन्न औजारों से अलग-अलग आकृतियां बनाकर बेजान लकड़ी को जीवंत रूप देने की कला में लगे हैं। घर के अन्य कामों को निपटा कर इस कार्य में बड़ी तल्लीनता से लग जाते हैं। घंटों की मेहनत के बाद बेजान लकड़ी में जान डाल कर एक से एक सुंदर रूप देकर काष्ठ कला को संजोए हुए हैं। लेकिन मेहनत के अनुरूप उन्हें अपनी कला की कीमत नहीं मिलती है, न ही सरकारों की ओर से कोई प्रोत्साहन आज तक मिला है। प्रदेश सरकार के विभिन्न स्टालों में अपना हुनर दिखा चुके हैं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आगे नही बढ़ पा रहे हैं।