देश में निजी क्षेत्र के जरिये अंतरिक्ष प्रक्षेपण शुरू करने के लिए इन-स्पेस एक स्वायत्त सिंगल विंडो नोडल एजेंसी ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र ने प्राइवेट कंपनियों को मंजूरी देने का सिलसिला शुरू कर दिया है।
दरअसल भारत में गैर-सरकारी निजी उद्योगों (एनजीपीई) की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, उन्हें अधिकृत करने और उन पर नजर रखने के लिए इन-स्पेस एक स्वायत्त सिंगल विंडो नोडल एजेंसी बनाई थी।
नोडल एजेंसी ने कहा कि, ध्रुव स्पेस प्रा.लि. (हैदराबाद) और दिगांतरा रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज प्रा.लि. (बंगलूरू) को 24 जून को पेलोड प्रक्षेपित करने की मंजूरी दी गई है। ध्रुव स्पेस के प्रौद्योगिकी प्रदर्शन पेलोड ‘ध्रुव स्पेस सैटेलाइट ऑर्बिटल डिप्लॉयर’ और दिगांतरा के प्रोटॉन डोजीमीटर पेलोड ‘रोबस्ट इंटीग्रेटिंग प्रोटॉन फ्लुएंस मीटर’ को प्रक्षेपण के लिए अधिकृत किया गया है। इन पेलोड को पीएसएलवी-सी53 के पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल से 30 जून को प्रक्षेपित किया जाना है।
इन-स्पेस के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि, नोडल एजेंसी की ओर से पहले 2 प्रक्षेपण को मंजूरी देना मील का पत्थर है। इससे भारत में निजी क्षेत्र की ओर से अंतरिक्ष प्रक्षेपण की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि दिगांतरा एक मौसम उपग्रह लॉन्च करेगा, जो पेटेंट तकनीक का इस्तेमाल कर अंतरिक्ष से मौसम की निगरानी के लिए उपयोग किया जाएगा।