DevBhoomi Insider Desk • Thu, 24 Feb 2022 2:42 pm IST
हरिद्वार में उड़ाई जा रही NGT के नियमों की धज्जियां
गंगा को निर्मल बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार नमामि गंगे प्रोजेक्ट के माध्यम से जहां हजारों करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. वहीं, एनजीटी ने गंगा में किसी तरह के शव या फूल इत्यादि प्रवाहित करने पर सख्त रोक लगा रखी है. बावजूद इसके धर्मनगरी हरिद्वार में ही इन आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. आलम यह है कि अभी भी गंगा में खुलेआम शवों को विसर्जित किया जा रहा है. संत की मृत्यु के बाद उनके शव को गंगा में विसर्जित करने की लंबी परंपरा रही है. लेकिन प्रदूषित होती गंगा को बचाने के लिए बीते कुछ सालों से संत समाज ने ब्रह्मलीन संत को जल समाधि की जगह भू-समाधि देनी शुरू कर दी है. लेकिन इसके बावजूद अभी भी कुछ संत ऐसे हैं जिन्हें मां गंगा की पवित्रता से ज्यादा अपने ब्रह्मलीन हुए संत का मोक्ष प्यारा है. नील धारा में ऐसे ही एक संत के ब्रह्मलीन होने पर शव को गंगा में प्रवाहित करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. यह वीडियो बुधवार दोपहर बाद का बताया जा रहा है. एक गंगा एक्टिविस्ट ने मौके पर पहुंच इसका विरोध भी किया. लेकिन किसी ने एक न सुनी.