देहरादून। RIMC : देशभर में सैन्य गुरुकुल की पहचान रखने वाले राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज (आरआइएमसी) अपने स्वर्णिम सौ साल पूरे कर चुका है। आरआइएमसी भारतीय उपमहाद्वीप का पहला सैन्य शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान है। यहां का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। यही वजह है कि देश का हर बच्चा यहां प्रवेश पाने का सपना देखता है।
दूसरे विश्व युद्ध से लेकर बालाकोट आपरेशन तक में भी भूमिका
यहां से अनुशासित जीवन की सीख, समग्र ज्ञान व कड़ा प्रशिक्षण पाकर कई कैडेट भारतीय सेना के तीनों अंगों में कई ऊंचे ओहदों तक पहुंचे हैं। दूसरे विश्व युद्ध से लेकर बालाकोट आपरेशन तक सैन्य सेवाओं में उनकी नेतृत्व की भूमिका की सराहना की गई है। रिटायर वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीएस धनोवा भी आरआइएमसी से पास आउट हुए थे।