इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने प्रदेश में बढ़ रही अपराध की घटनाओं और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने को लेकर चिंता व्यक्त की है. इस संबंध में काउंसिल की ओर से उत्तराखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा गया है. जिसमें कहा गया है कि उत्तराखंड में सांप्रदायिकता और धार्मिकता को हथियार बनाकर हो रही अनेक घटनाएं चिंता का विषय हैं.ह्यूमन राइट काउंसिल के महासचिव देवेंद्र सिंह का कहना है कि हाल ही में पुरोला में व्यापारियों के साथ मारपीट और उनकी दुकानें खाली कराने के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. ऐसे में विशेष समुदाय को अपनी दुकानें बंद करके पलायन करने को मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और बड़े पैमाने पर धार्मिक उन्माद फैलाए जा रहे हैं. जिससे शांत प्रदेश की वादियां अशांत हो गई हैं.
वहीं, काउंसिल के प्रभारी सैयद मेहताब हुसैन जैदी का कहना है कि हमारा उत्तराखंड शांति प्रिय प्रदेश था. जिसकी मिसाल देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में दी जाती थी और कहा जाता था कि देश में अगर कोई शांति प्रिय प्रदेश है, तो वह उत्तराखंड है. उन्होंने सरकार से प्रदेश में दिनों दिन बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं, हत्या, रेप, मारपीट और अन्य अपराधों पर तुरंत लगाम लगाए जाने के लिए ठोस कार्य नीति बनाने की मांग उठाई है, ताकि उत्तराखंड पहले की तरह शांति प्रिय प्रदेश के रूप में जाना जा सके.