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• Mon, 15 Jul 2024 5:36 pm IST


नंदा महोत्सव में उमड़ा भक्तों का सैलाब , मां को नम आंखों से कैलाश किया विदा


नारायणबगड़। नंदाधाम भारकोटबार भंगोटा में चल रहे नंदा महोत्सव के अंतिम दिन नंदा अष्टमी के पर्व पर अपनी अराध्या नंदा देवी को कैलाश विदा किया गया। इस दौरान नंदा भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मां नंदा के कैलाश प्रस्थान करते वक्त ध्याणियां नंदा देवी के डोले से लिपटकर रो पड़ीं।तीन साल के अंतराल पर कड़ाकोट पट्टी के 9 गांवों के लोग आषाढ़ मास की नंदा अष्टमी तिथि पर अपनी ईष्ट देवी मां नंदा को कैलाश विदा करने के लिए नंदा महोत्सव का आयोजन करते हैं। इस परंपरा के तहत रविवार को चोपता, रैंस, तुनेडा़, बैथरा, लोदला, सोलटा, डडुवागाड़, कुश तथा भंगोटा गांव से बड़ी संख्या में लोग नंदाधाम पहुंचे। देरशाम मां नंदा देवी की डोली को मंदिर के गर्भगृह से परिसर में लाया गया तो पंचनाम देवताओं ने अवतरित होकर अक्षत बरसाए। आचार्यों ने गणपति पूजन, पंचांग पूजा करने के बाद नंदा देवी का श्रृंगार कर आरती उतारी और कन्याओं का पूजन किया। मां नंदा को हाथी पर विराजमान कर ढोल-दमांऊ की तालों पर नंदाभक्तों ने नृत्य किया। इसके बाद केले के तने पर बनाई गई मां नंदा देवी की मुखाकृति को सुसज्जित डोली में विराजमान किया गया। इसके बाद मां नंदा को ससुराल कैलाश विदा करते समय महिलाएं भावुक हो उठीं और डोली से लिपटकर रोने लगीं। महिलाओं ने अपनी अराध्या नंदा देवी को फल-फूल, श्रृंगार सामग्री भेंट कर खुशहाली की कामना की। इस दौरान नंदा देवी कला मंच के जागर सम्राट बुद्धि सिंह दानू ने नंदा के जागरों से माहौल को नंदामय बनाए रखा।