अधिकतर पेरेंट्स के लिए परवरिश का अर्थ केवल अपने बच्चों की खाने-पीने, पहनने-ओढ़ने और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना है। इस तरह से वे अपने दायित्व से तो मुक्त हो जाते हैं लेकिन क्या वे अपने बच्चों को अच्छी आदतें और संस्कार दे पाते हैं जिनसे वे आत्मनिर्भर और जिम्मेदार बन सकें।
1. उन्हें शुरू से ही अनुशासन में रहना सिखाएं बच्चा जब बड़ा होने लगता है तब ही से उसे नियम में रहने की आदत डालें। 'अभी छोटा है बाद में सीख जाएगा' यह रवैया खराब है। उन्हें शुरू से अनुशासित बनाएं। कुछ पेरेंट्स बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर निर्देश देने लगते हैं और उनके ना समझने पर डांटने लगते हैं, कुछ माता-पिता उन्हे मारते भी हैं। यह तरीका भी गलत है। वे अभी छोटे हैं, आपका यह तरीका उन्हें जिद्दी और विद्रोही बना सकता है।
2.उनके साथ क्वॉलिटी टाइम बिताएं वर्किंग पेरेंट्स के साथ यह समस्या होती है कि उनके पास अपने बच्चों के साथ बिताने के लिए समय नहीं मिल पाता। ऐसे माता-पिता अपने वीकएंड्स अपने बच्चों के लिए रखें। और सामान्य दिनों में भी उनके क्रियाकलापों पर ध्यान दें कि वे क्या करते हैं, उनके दोस्त कौन हैं आदि।
3. उनके साथ दोस्ताना व्यवहार करें अब वह समय नहीं रहा जब माता-पिता ने जो कह दिया वही सही है। अब समय बदल गया है,बच्चे मुखर हो गए हैं। उनका अपना नज़रिया है। माता-पिता को यह करना है कि बच्चों के साथ बॉस या हिटलर की तरह नहीं बल्कि दोस्त बनकर रहें। आपका यह तरीका बच्चों को आपके करीब लाएगा। वे आपसे खुलकर बात कर पाएगें।