नैनीताल-निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पिछले वर्ष चयनित 500 से अधिक गरीब बच्चों को न तो प्राइवेट स्कूलों में अब तक मुफ्त प्रवेश मिला और न ही उनकी पढ़ाई हो पाई। इन बच्चों का भविष्य अधर में है। विभाग इन बच्चों को भी दूसरे बच्चों की तरह पब्लिक स्कूलों से दूसरी कक्षा में प्रोन्नत करने को कह रहा है मगर स्कूल इसके लिए तैयार नहीं हैं। स्कूलों का तर्क है कि जब इन बच्चों का विधिवत प्रवेश ही नहीं हुआ और न ही एक भी दिन पढ़ाई हुई तो उन्हें कैैसे दूसरी कक्षा में प्रोन्नत किया जा सकता है। स्कूलों में जो बच्चे कक्षा एक में थे उनकी ऑनलाइन क्लास हुई। अगर इन बच्चों का नाम लिखा गया होता तो इनकी भी ऑनलाइन क्लास होती और इन्हें प्रोन्नत करने में कोई दिक्कत नहीं होती।