नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र का आठ अगस्त को 15वां दिन था। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर शाम 6 बजे तक चर्चा हुई। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 9 अगस्त सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब 10 अगस्त को दे सकते हैं।
आज सबसे पहले कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपने अविश्वास
प्रस्ताव पर 35 मिनट स्पीच दी।
इस दौरान उन्होंने मणिपुर हिंसा से लेकर विदेश नीति तक के मुद्दे पर सरकार को
घेरा। गोगोई ने कहा, प्रस्ताव लाने
का मकसद प्रधानमंत्री का मौन तोड़ना है। बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे ने कहा कि
सोनिया गांधी का एक ही मकसद है- ‘बेटे को सेट करना
और दामाद को भेंट करना।’
मणिपुर में डबल इंजन सरकार विफल हो गई: गोगोई
गौरव गोगोई ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार
करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार मणिपुर में विफल हो गई। इसलिए मणिपुर में 150 से अधिक लोगों
की मौत हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री, जिन्हें बातचीत
का, शांति और सद्भाव
का माहौल बनाना चाहिए था, उन्होंने पिछले 2-3 दिनों में
भड़काऊ कदम उठाए हैं, जिससे समाज में
तनाव पैदा हो गया है।
अविश्वास प्रस्ताव की शुरुआत गौरव गोगोई ने जैसे ही की, बीजेपी सांसदों
ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि सुबह सेक्रेटरी जनरल के यहां चिट्ठी आई
थी कि राहुल गांधी जी बोलेंगे। हम तो उनके भाषण का इंतजार कर रहे हैं। अब गौरव
गोगोई बोल रहे हैं। पांच मिनट में आखिर
क्या हो गया?
गौरव गोगोई ने सरकार से पूछे तीन सवाल
प्रधानमंत्री मोदीजी मणिपुर क्यों नहीं गए? राहुल गए, INDIA अलायंस के सांसद
गए, गृहमंत्री गए।
80 दिन क्यों लगे मणिपुर पर बोलने में? बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड बोले। आज तक संवेदना का कोई शब्द व्यक्त नहीं किया।
प्रधानमंत्री होने के नाते उनके शब्दों का जो महत्व है, वो किसी मंत्री
के शब्दों में नहीं है। शांति के कदम की शुरुआत प्रधानमंत्री करें तो वो अच्छा है, मंत्री के कदम में ये ताकत नहीं।
मणिपुर के मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया? गुजरात में जब राजनीति करनी थी तो एक बार नहीं दो बार CM बदले। उत्तराखंड
में तीन बार बदला, त्रिपुरा में
बदला। मणिपुर के सीएम को क्या विशेष
आशीर्वाद है, जो खुद स्वीकार
कर रहे हैं कि इंटेलिजेंस फेलियर हुआ।
प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोल
रहे, इसके तीन कारण- कांग्रेस
-पीएम को स्वीकार
करना पड़ेगा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार फेल हो गई।
-मणिपुर में भारत का गृह विभाग और रक्षा सलाहकार विभाग विफल रहा है।
-प्रधानमंत्री जनता के बीच यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि उनसे भूल हुई है।
पीएम मोदी से तीन याचनाएं भी कीं
पहली याचना- सदन में बात रखें, लोकसभा और
राज्यसभा में भी जाएं।
दूसरी याचना- मणिपुर जाएं और पूरी
पार्टी को लेकर जाएं। ऑल पार्टी डेलिगेशन लेकर जाएंगे तो हम भी जाएंगे।
तीसरी याचना- मणिपुर के समाजसेवी
संगठनों को बुलाएं और मीटिंग करें।