भारतीय कफ सिरप निर्माता कंपनी की लापरवाही और मानकों की अनदेखी के चलते गाम्बिया में 69 बच्चों की मौत हो गयी। जिसके बाद से कंपनी जांच के घेरे में है।
वहीं इस घटना को लेकर भारत सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पत्र लिखकर कहा है कि, मामले में दी गयी जानकारियां एटिओलॉजी यानि की रोग व मृत्यु का कारण पता करने वाला वैज्ञानिक अध्ययन का निर्धारण करने के लिए उपयुक्त नहीं है। जिसके बाद औषधि महानियंत्रक ने और क्लीनिकल जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
दरअसल, डब्ल्यूएचओ ने 13 अक्तूबर को भारत सरकार को एक पत्र लिखकर कफ सिरप निर्माता कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ की जाने वाले कार्रवाई के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा था। जिसपर भारत के औषधि महानियंत्रक ने जवाब देते हुए कहा है कि, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी विशेषज्ञों की समिति ने जांच की।
बताते चलें कि, डब्ल्यूएचओ ने पांच अक्टूबर को अपनी ब्रीफिंग में चार कफ सिरप - प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप, और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप पर चेतावनी जारी की थी। जो कि मेडेन फार्मास्यूटिकल्स ने बनाए थे।