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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 25 Dec 2022 2:30 pm IST

मनोरंजन

क्या आपको पता है ऑस्कर का असली नाम और क्यों अवार्ड जीतने वाले को भी नहीं मिलता ट्रॉफी पर पूरा हक? आइये जानते हैं


फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े अवार्ड्स ऑस्कर में साल 2022 में शामिल की जाने वाली फिल्मों के नामों की घोषणा की जा चुकी है। इस साल भारत की दो फिल्मों को भी इस लिस्ट में जगह मिली है। हालांकि आज हम ऑस्कर में शामिल फिल्मों के नामों का जिक्र नहीं करेंगे बल्कि इसके असली नाम और कब हुई थी इसकी शुरुआत के बारे में बात करेंगे। मनोरंजन जगत के सबसे बड़े पुरस्कार 'ऑस्कर' का असली नाम आस्कर नहीं है बल्कि इसका असली नाम  यानी ऑफिशियल नाम 'अकादमी अवॉर्ड ऑफ मेरिट' है। इस साल 94वें ऑस्कर अवार्ड का आयोजन किया जायेगा। यह अवार्ड दुनिया भर में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े निर्देशकों, कलाकारों और लेखकों सहित पेशेवरों के बढ़िया काम को पहचान देने के लिए अमेरिकन अकादमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस (AMPAS) द्वारा दिया जाता है। 

लॉस एंजेल‍िस में हुआ था पहला अवार्ड समारोह

ऑस्कर्स की गिनती विश्व में होने वाले प्रमुख बड़े समारोहों में की जाती है। इस अवार्ड समारोह का आयोजन सबसे पहले 16 मई 1929 को कैल‍िफोर्न‍िया स्थ‍ित लॉस एंजेल‍िस के द हॉलीवुड रूसवेल्ट होटल में किया गया था। उस वक्त ये समारोह आज के जैसा कोई ग्रैंड नहीं था बल्क‍ि एक प्राइवेट डिनर था जिसमें  दुनिया भर से फिल्म जगत के 270 लोगों को आमंत्र‍ित किया गया था और एक जर्मन एक्टर ऑस्कर अवार्ड दिया गया था। इसके बाद साल 1927 में एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज की  बैठक में पहली बार आस्कर में मिलने वाली ट्रॉफी के डिजाइन पर चर्चा हुई थी। इस मीटिंग में लॉस एंजिल्‍स के कई कलाकारों से अपने-अपने डिजाइन प्रस्तुत किये थे, जिनमें से जॉर्ज स्टैनली की बनाई हुई मूर्ति को पसंद किया गया। 

जीतने वाले को साइन करना होता है एग्रीमेंट

बताया जाता है कि ऑस्‍कर अवॉर्ड जितने वालों को जो ट्रॉफी दी जाती है उसकी प्रेरणा मैक्सिकन फिल्‍ममेकर और एक्‍टर एमिलियो फर्नांडीज थे। माना जाता है कि इस मूर्ति के पीछे फर्नांडीज हैं और ये उन्हीं की तस्वीर है। बहुत कम लोगों को पता है कि ट्राफी जीतने वाले के पास उसका पूरा मालिकाना हक नहीं होता है। वो चाहकर भी अपनी इस ट्रॉफी को बेच नहीं सकता है। अवॉर्ड दिए जाने से पहले ही विजेता से एक एग्रीमेंट साइन कराया जाता है जिसके मुताबिक ट्रॉफी को वह मात्र 1 डॉलर में अकादमी को ही बेचेंगे। अगर वो ऐसा करने से इनकार करते हैं तो वो ट्रॉफी अपने पास रखने के हकदार भी नहीं होते हैं। 

by-Nisha Shukla
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