उत्तरकाशी: सेटेलाइट से जंगल में आग लगने की सूचना एक दिन में दो बार मिलने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी समय पर अलर्ट नहीं हो पा रहे हैं। जिससे उत्तरकाशी जनपद के जंगलों में निरंतर आगजनि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इससे जहां कई हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो रही है। वहीं वन्य जीवों की सुरक्षा पर भी संकट के बादल छाएं हैं। बता दें कि उत्तरकाशी में जंगलों में आग के लिहाज से उत्तरकाशी वन प्रभाग, टौंस वन प्रभाग और अपर यमुना वन प्रभाग संवेदनशील हैं। इन तीनों वन प्रभाग के जंगलों में इन दिनों निरंतर आग की घटनाएं हो रही हैं। जिसकी सूचना वन कर्मचारियों को सेटेलाइट के माध्यम से एक दिन में दोपहर दो बजे व रात को भी मिल रही है। लेकिन उसके बाद भी आगजनि की घटना स्थल पर वन विभाग के कर्मी समय पर नही पहुंच पा रहे हैं। उत्तरकाशी वन प्रभाग की बात करें तो बाड़ाहाट में 06, मुखेम में 14, तथा डुंडा में 16 घटनाएं तथा धरासू में 01 कुल मिलाकर 37 घटनाएं घट चुकी हैं। जिसमें अभी तक 17 हेक्टेयर जंगल जलने के साथ ही वन विभाग को करीब 37 से 50 हजार तक की वन संपदा का नुकसान हो चुका है।