चंपावत : पूर्वांचली महिलाओं ने जिउतिया पर्व धूमधाम से मनाया। इस दौरान संतान की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखा। छमनिया चौड़ स्थित आईटीबीपी की सुगंधी देवी, पुष्पा देवी, प्रीति देवी, गीता देवी, संतोषी देवी ने बताया कि यह व्रत अश्विन मास के कृष्णपक्ष की सप्तमी से शुरू होता है जो जिउतिया व्रत नवमी तक मनाया जाता है। जिसके पहले दिन सप्तमी को नहाया-खाय, अष्टमी को महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। अंतिम दिन यानी नवमी के व्रती पारण करती है। नहाय-खाय के दिन महिलाएं पवित्र स्नान कर व्रत का संकल्प लेती हैं। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं जिउतिया व्रत कथा को सुनती हैं। वह जीवन में कभी संतान वियोग नहीं रहती। संतान के सुखी और निरोग जीवन के लिए यह व्रत रखा जाता है।