जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर परगने से जुड़े त्यूणी, चकराता और कालसी तीनों तहसील में पिछले दो दिन से सन्नाटा पसरा है। पर्वतीय राजस्व संघ की प्रदेश व्यापी कलमबंद हड़ताल के चलते जौनसार के पांच कानूनगो और 39 पटवारी सर्कल में पुलिस, शासकीय, दैवीय आपदा व निर्वाचन कार्य का जिम्मा संभाले सभी राजस्व निरीक्षक और राजस्व उपनिरीक्षकों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से स्थानीय जनता मुसीबत में आ गई। हड़ताल से क्षेत्र की तीनों तहसील में कामकाज प्रभावित हो रहा है।
पहाड़ के दुर्गम इलाकों में ब्रिटिशकालीन समय से चली आ रही पटवारी व्यवस्था वर्तमान में भी लागू है। हालांकि समय के साथ इसमें कुछ संशोधन भी हुए पर पहाड़ की संस्कृति व परंपरा के हिसाब से पटवारियों के कंधों पर जिम्मेदारी सबसे अधिक है। सरकार की ओर से जौनसार-बावर परगने से जुड़े त्यूणी, चकराता व कालसी तीनों तहसील को कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पांच कानूनगो व 39 पटवारी सर्कल में बांटा गया है। इसमें सीमांत त्यूणी तहसील में एक कानूनगो सर्कल व पांच पटवारी सर्कल में सिर्फ तीन राजस्व उपनिरीक्षक (पटवारी) तैनात हैं।