दुनिया के सात अमीर देशों के समूह जी-7 के विदेश मंत्रियों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के महत्व को दोहराया और भारत के साथ सहयोग का संकल्प लिया।
जी-7 ने इसके साथ-साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान दृष्टिकोण के अनुरूप सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि भी की है। मध्य जापान के नागानो के करुइजावा में आयोजित तीन दिनी बैठक में ये टिप्पणियां सामने आई हैं।
जी-7 के विदेश मंत्रियों ने कहा, हम मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत को कानून के शासन के आधार पर समावेशी, समृद्ध, सुरक्षित क्षेत्र बनाना चाहते हैं, जो संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, मौलिक स्वतंत्रता और मानव अधिकारों सहित साझा सिद्धांतों की रक्षा करता है। जी-7 के विदेश मंत्रियों की साझा विज्ञप्ति में बताया गया कि, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ अपने जुड़ाव को बढ़ाने के लिए हम अपने भागीदारों का स्वागत करते हैं।
हम आसियान और इसके क्षेत्रीय भागीदारों के साथ अपने समन्वय को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। मंत्रियों ने प्रशांत द्वीप देशों के साथ साझेदारी की फिर से पुष्टि की और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से प्राथमिकताओं व जरूरतों का समर्थन दोहराया।