विजयादशमी पर्व पर बुधवार को जिलेभर में दो दर्जन से अधिक विवाह समारोह हुए। जनपद के अधिकांश बरात घरों में विवाह समारोह की धूम रही। बरातियों को भी लंबे समय बाद बरात में थिरकने का मौका मिला।
दरअसल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। इस दिन को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना हाता है। इस दिन से भगवान विष्णु लगभग चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। उनके शयन में जाने से शादी-ब्याह आदि सभी मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है। फिर विवाह का सीजन नवंबर मध्य के बाद ही शुरू होता है।