देहरादून: अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आईआरडीटी सभागार में कल्चर वॉक विथ अचीवर्स टॉक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश भर से आई बालिकाओं ने उत्तराखंड के पारंपरिक परिधान पहनकर कल्चरल वॉक किया. इसी बीच अक्सर अपने पारंपरिक परिधान पहनने को लेकर चर्चाओं में रहने वाली कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य एक बार फिर चर्चाओं में आ गई हैं.
क्या है मुनस्यारी परिधान: पिथौरागढ़ जिले में स्थित मुनस्यारी एक सीमांत क्षेत्र है. मुनस्यारी के जोहार घाटी में रहने वाले लोगों को ‘शौका’ नाम से भी जाना जाता है. मुनस्यारी क्षेत्र में रहने वाले शौका समाज की अपनी एक अलग खास पहचान रही है, जोकि उनके पहनावे से जुड़ी हुई है. जोहार घाटी की महिलाओं में स्यू-सांगल, चिम्ट-कनकुड़ी और अतरदान, तीन आभूषणों को एक साथ मोटे धागे से दाएं कंधे पर लटकाने की परंपरा रही है. छ्यामटांग के साथ रंग-बिरंगे कपड़ों के टुकड़ों को सुंदर आकार देकर छोटा पर्स भी लटकाने की परंपरा है.
कार्यक्रम में दिखी उत्तराखंड की संस्कृति: कल्चर वॉक विथ अचीवर्स टॉक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सभी 13 जिलों से आई बालिकाओं ने अपने-अपने जिले की पारंपरिक वेशभूषा में ‘कल्चरल वॉक’ किया. इसमें कुमाऊं से लेकर जौनसारी और गढ़वाली से लेकर उधमसिंह नगर समेत सभी 13 जिलों के पारंपरिक परिधान शामिल थे. साथ-साथ बुक्सा और वनराजी जनजातियों का भी प्रतिनिधित्व किया गया. यानी बालिका दिवस पर पूरे उत्तराखंड की संस्कृति दिखाई दी. साथ ही कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने राज्य भर से आई ‘अचीवर्स ’ बेटियों को भी सम्मानित किया.