सरकारें हर मंचों से ग्रामीण क्षेत्र के विकास की बात करती है लेकिन तहसील का सुदूरवर्ती गंगोड़ा-अम्याड़ी-कुणकोली मार्ग 15 साल से डामरीकरण की बाट जोह रहा है। कीचड़ से सनी इस सड़क में वाहन फंसना सामान्य है। वाहनों को निकालने के लिए ग्रामीणों की मदद लेनी पड़ रही है।
डामरीकरण के लिए पूर्व में यहां कई बार आंदोलन भी हो चुके हैं। लोनिवि निर्माण खंड की ओर से कई बार रिवाइज प्रस्ताव भी शासन को भेजे गए लेकिन आज तक सार्थक कार्रवाई नहीं हो सकी है। सड़क पूरी तरह से बदहाल है और ग्रामीणों में भारी आक्रोश भी है। मोटर मार्ग से गंगोड़ा, कुणकोली, रधुुलीपीपल इंटर कालेज सहित तमाम गांव जुड़े हुए हैं लेकिन 15 साल बाद भी मार्ग में डामरीकरण नहीं हो पाया है। सामाजिक कार्यकर्ता मदन पंत ने बताया कि 2008 में मोटर मार्ग बना था इसके बाद से आज तक इसकी सुध नहीं ली गई है। वे लोग इस मार्ग के सुधारीकरण की मांग करते थक चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बरसात के मौसम में सड़क के हालात बेहद खराब हो जाते हैं। उन्होंने तत्काल मोटर मार्ग के डामरीकरण की मांग की है। छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कैलाश तिवारी ने डामरीकरण के लिए पूर्व में आंदोलन भी किया था।