दशगी पट्टी का ऐतिहासिक मौण मेला धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान क्षेत्रीय ग्रामीणों ने ढोल दमाऊं रणसिंघे के साथ दुगड्डा तोक में मौण डालकर मछलियां पकड़ीं। मेले में दशगी हातड़ सहित गोडर, खाटल, बिष्ट, भण्डारस्यूं, इडालस्यूं पट्टी के 108 गांवों के 8 हजार ग्रामीण शामिल हुए। ग्रामीणों ने हाथों की लाठियां आपस में बजाकर खूब नृत्य किया।
मेले में परंपरा अनुसार मौण में टिमरू व अखरोट के छिलकों को सुखा कर फिर घराट में पीसकर पाउडर तैयार किया जाता है। इसके नदी में पड़ते ही मछलियां बेहोश होकर ऊपर आ जाती हैं और उन्हें पकड़ने के लिए लाए हुए फट्याला, कुड्याला के साथ भारी संख्या में नदी में कूद पड़ते हैं।