भारत-चीन सीमा से सटे उच्च हिमालयी गांवों में कई लोग फंसे हैं। आपदा के बाद यहां रास्ते अब भी बदहाल हैं। सरकार एक माह बाद भी बंद सड़कों को नहीं खोल पाई है। इससे माइग्रेशन गांवों के लोगों को इससे सर्वाधिक दिक्कत हो रही है। लगातार बढ़ती ठंड के बीच लोग अब किसी तरह जान पर खेलकर बदहाल रास्तों से वापस घाटी के गांवों की तरफ लौट रहे हैं। सीमांत जनपद में हर साल ग्रीष्मकाल में लोग घाटी के गांवों से माइग्रेशन पर उच्च हिमालयी गांवों के प्रवास पर जाते हैं। पशुपालन के साथ खेती कर वहां से लोग 30 नवंबर तक पूरी तरह से घाटी के गांवों में लौट आते हैं। इस बार 17 अक्तूबर को आई भारी आपदा के बाद उच्च हिमालयी गांवों को घाटी से जोड़ने वाले रास्ते टूट गए हैं। सूत्रों ने बताया इस सब के बीच वहां 125से अधिक लोग अब भी फंसे हैं। ऐसे में मवेशियों को लाने के लिए रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे लोग निराश हैं। उन्हें लगातार ठंड बढ़ने के बाद बदहाल रास्तों से मवेशियों के साथ किसी तरह जान पर खेलकर घाटी की तरफ लौटने को मजबूर होना पड़ा है।