जानी मानी दवा कंपनियां ग्लेनमार्क, स्ट्राइड्स फार्मा और सिप्ला ने दवाओं के लिए दुनिया में सबसे बड़े बाजार अमेरिका से अपनी दवाएं वापस मांग ली हैं।
बताया जा रहा है कि, इसकी प्रमुख वजह मैनिफैक्चरिंग से जुड़े मुद्दे हैं। अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन यानि यूएसएफडीए की तरफ से जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूजर्सी की ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स इंक पैकेजिंग की समस्या की वजह से ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवा की 72,000 से अधिक इकाइयां वापस ले रही है।
दरअसल, इन दवाओं को ग्लेनमार्क के मध्य प्रदेश राज्य के पीथमपुर स्थित मैनिफैक्चरिंग सेंटर बनाया गया था। इन दवाओं की पैकेजिंग में समस्या आ रही थी। यूएसएफडीए ने कहा, फार्मा कंपनी ने इस साल 29 जून को दवाएं वापस मंगाने की शुरुआत की। लेकिन अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक ने एक अलग सूचना में कहा कि, बंगलूरू की स्ट्राइड्स फार्मा साइंस की एक इकाई प्रेडनिसोन टैबलेट की 1,032 बोतलें वापस मंगा रही है। इस दवा का इस्तेमाल अस्थमा, एलर्जी, गठिया और अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
यूएसएफडीए के मुताबिक, घरेलू दवा कंपनी सिप्ला अमेरिकी बाजार में डिफ्लुप्रेडनेट ऑप्थेल्मिक इमल्शन की 7,992 बोतलें वापस मंगा रही है। इसका इस्तेमाल आंखों की सर्जरी के बाद सूजन और दर्द के इलाज में किया जाता है। बताते चलें कि, भारत ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, रूस और नाइजीरिया जैसे देशों को 24.62 अरब डॉलर की दवाओं का निर्यात किया था।