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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 27 Nov 2021 5:44 pm IST


रिकॉर्ड 139 बार रक्तदान कर चुके अनिल वर्मा को किया गया " शिवालिक रक्तदान सेवा अवार्ड-2021 " से सम्मानित


 यूथ रेडक्रास कमेटी, देहरादून द्वारा शिवालिक काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग में आयोजित विशेष रक्तदान शिविर तथा विचार गोष्ठी में कुल 104 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।। इस अवसर अब तक 139 बार रक्तदान कर चुके श्री अनिल वर्मा को विशिष्ट योगदान के लिए शिवालिक काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग  द्वारा " शिवालिक रक्तदान सेवा अवार्ड-2021 " से सम्मानित किया गया।
शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्य रेडक्रास सोसायटी के महासचिव डॉ० एम एस अंसारी, अति विशिष्ट अतिथि भारत विकास परिषद् "द्रोण" श्री रोहित कोचगवे कार्यक्रम अध्यक्ष  शिवालिक काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल डॉ० गणेश भट्ट, शिविर, जिला रेडक्रास सोसायटी के वाईस चेयरमैन सुभाष चौहान, यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा, श्री महन्त इंद्रेश हाॅस्पिटल ब्लड बैंक की मेडिकल ऑफीसर  डॉ० वगीशा गर्ग , विशिष्ट अतिथि मेजर प्रेमलता वर्मा, श्रीमती पद्मिनी मल्होत्रा ,श्री विकास कुमार, श्री रोहित कोचगवे , श्रीमती अंतेजा बिष्ट तथा श्रीमती रूपाली शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
रक्तदाताओं को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि डॉ० एम एस अंसारी ने कहा कि  रक्त का कृत्रिम निर्माण अभी तक संभव नहीं हो सकने तथा किसी पशु पक्षी का रक्त नहीं चढ़ाये जा सकने  के कारण केवल मानव का रक्त ही किसी जरूरतमंद की जान बचा सकता है। इसलिए रक्तदान को महादान-जीवनदान  कहा जाता है।    
शिविर आयोजक तथा अब तक रिकॉर्ड 139 बार रक्तदान कर चुके डॉ० कार्ल लैंडस्टीनर अवार्डी अनिल वर्मा ने कहा कि हमारे देश में  "रक्तदान क्रांति" की आवश्यकता है। रक्तदाताओं को रेगुलर ब्लड डोनर होना चाहिए। क्योंकि ब्लड बैंकों में रक्त की बहुत कमी है। आज हमारे देश में रक्तदान के प्रति निस्संदेह जागरूकता आई तो है परन्तु सच्चाई यह भी  है कि आज भी एक प्रतिशत से अधिक युवा रक्तदान नहीं करते।
कार्यक्रम अध्यक्ष शिवालिक काॅलेज के प्रिंसिपल डॉ० गणेश भट्ट ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति तथा फास्ट फूड की लत  को भी ब्लड बैंकों में  रक्त की कमी  के लिए जिम्मेदार बताया ।
विशिष्ट अतिथि पद्मिनी मल्होत्रा ने  छात्राओं व महिलाओं  में एनीमिया  की समस्या व समाधान  पर विस्तार से बताया।  उन्होंने  स्वस्थ छात्राओं से साल में कम से कम दो बार रक्तदान अवश्य करने की अपील करते हुए कहा कि  बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रसव अथवा अन्य बीमारियों के कारण प्रतिदिन रक्त की आवश्यकता पड़ती है अतः यह हमारा नैतिक दायित्व है कि हम भी रक्तदान करें । एनीमिया से निबटने के लिए  महिलाओं को आवश्यक रूप से  किशोरावस्था से ही  पौष्टिक भोजन के साथ - साथ आयरन व फाॅलिक एसिड  सप्लीमेंट के रूप में लेने की सलाह दी। 
विशिष्ट अतिथि मेजर प्रेमलता वर्मा ने थैलीसीमिया , हीमोफीलिया तथा सिकल सेल आदि आनुवांशिक बीमारियों की चर्चा की। उन्होंने " थैलीसीमिया मुक्त भारत " अभियान चलाये जाने पर जोर दिया।
गोष्ठी में विशिष्ट अतिथियों श्री सुभाष चौहान, वाईस चेयरमैन, कार्यकारिणी सदस्य विकास कुमार तथा श्रीमती अंतेजा बिष्ट ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


 शिविर में महंत इंद्रेश हास्पिटल ब्लड बैंक की टीम में मेडिकल ऑफीसर डॉ० वगीशा गर्ग, समन्वयक अमित चंद्रा आदि उपास्थित थे ।
शिविर संचालक डॉ० अरविंद फर्स्वाण ने रक्तदान शिविर के सफल आयोजन हेतु यूथ रेडक्रास कमेटी तथा श्री महंत इंद्रेश हास्पिटल ब्लड बैंक सहित समस्त वक्ताओं एवं रक्तदाता  छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त किया ‌।