चमोली : सरकार का दावा है कि जोशीमठ स्थिर होने की ओर है और अब दरारों के बढ़ने की संभावना बहुत कम है। हालांकि यह भी जोड़ा कि अंतिम रूप से इस बारे में तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जाएगा। सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि उनकी जो वैज्ञानिकों से बातचीत हुई है, उसके अनुसार जोशीमठ सेटल (स्थिर) हो जाएगा। जब तक सभी तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट नहीं आ जाती और वह एक बिंदु पर एकमत नहीं हो जाती, तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता है।लेकिन, यह बात साफ है जोशीमठ नीचे नहीं आएगा (और नहीं धंसेगा)। उन्होंने कहा कि वहां दरारों के बढ़ने की संभावना बहुत कम है। लेकिन, इस बीच जिस भी उपचार को करने की जरूरत है, उसे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो बड़ी दरार वाले भवन हैं, उन्हें हटाया जा रहा है और अन्य को हटाया जाएगा।