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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 25 Jan 2023 3:49 pm IST


Success Story: साइकिल का पंचर बनाने वाले वरुण बने IAS अफसर, संघर्षों भरा रहा सफर


 मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। यह लाइन आईएएस अफसर वरुण बरनवाल पर पूरी तरह से सटीक बैठती है। वरुण ने पिता की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारी उठाते हुए अपनी पढ़ाई कंप्लीट की और आईएएस अफसर बने। महाराष्ट्र के शहर बाइसोर के रहने वाले वरुण ने छात्र जीवन से लेकर अफसर बनने तक के सफर में काफी मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर अपने सपनों को पूरा कर लिया। पिता की मौत के बाद वरुण के  ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। ऐसे में उन्होंने पढ़ाई करने के साथ ही अपने पिता की  साइकिल  रिपेयरिंग की दुकान को भी संभाला और पंचर बनाने का काम करने लगे। इस दौरान उन्होंने दसवीं की परीक्षा में पूरे शहर में दूसरा स्थान हसली कर लिया लेकिन परिवार के दायित्व की वजह से उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी।
इसी बीच एक परिचित डॉक्टर ने वरुण को पढ़ाई दोबारा शुरू करने की सलाह दी और कॉलेज में उनका एडमिशन भी करा दिया। 12वीं कंप्लीट करने के बाद वरुण ने जैसे तैसे इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर ली। हालांकि पढ़ाई करने के दौरान फीस भरने में उन्हें मुश्किल झेलनी पड़ती थी। वरुण पढ़ाई के साथ-साथ साइकिल की दुकान भी चलाते थे और ट्यूशन भी पढ़ाते थे जिससे उनका थोड़ा बहुत खर्च निकल आता था। वरुण की लगन और मेहनत का यह नतीजा था कि उन्होंने पहले सेमेस्टर में ही टॉप कर दिया जिससे कॉलेज की तरफ से उन्हें स्कॉलरशिप दी जाने लगी। इंजीनियरिंग करने के बाद वरुण ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। सामाजिक कार्यों में हमेशा सहभागिता रखने वाले वरुण ने 8 साल की कड़ी मेहनत के बाद सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इण्डिया 32वीं रैंक प्राप्त की और आईएएस अधिकारी बन गए।