खरगोन से रामनवमी के दिन लापता हुए एक युवक का शव इंदौर से मिला है। इस मामले में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में मामले की जानकारी देते हुए कहा कि 10 अप्रैल को एक शव मिला था। 11 तारीख को शव का पीएम किया गया था। पीएम रिपोर्ट के आधार पर 302 का प्रकरण दर्ज किया गया था। उसकी शिनाख्त नहीं हो पा रही थी और उस समय कोई गुमशुदगी की रिपोर्ट भी नहीं थी, 14 अप्रैल को गुमशुदगी की रिपोर्ट इब्रीस के नाम से परिवार वालों ने की थी। जिसके बाद परिजनों से शव की शिनाख्त कराई गई। परिवार वालों ने शव की शिनाख्त इब्रीस के रूप में की और उसके बाद उन्हें बॉडी सौंप दी गई। मृतक का अंतिम संस्कार हो चुका है। फिलहाल पूरा प्रकरण जांच में लिया गया है।वहीं, मृतक के भाई इकलाख खान का कहना है कि 'रामनवमी के दिन इब्रीस रोजेदारों को शाम 7:30 बजे इफ्तारी देने गया था। पत्थरबाजी में कुछ हिन्दू समाज के लोगों ने मेरे भाई को पत्थरों, औजारों, लट्ठ लाठियों से बहुत मारा। पुलिस उसे सबके सामने गिरफ्तार कर के ले गई। पुलिस ने भी उसे बहुत मारा। पुलिस प्रशासन ने एकतरफा फैसला किया और 8 दिन तक कुछ भी नहीं बताया। हमने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने नहीं बताया कि बच्चा हमारी कस्टडी में है। बाद में एक जवान जानकारी लेने आया तो मैंने उसे जानकारी दी, मैंने उसे बयान दिया तो उसने कहा कि मुझे बयान नहीं चाहिए। कहा कि टीआई साहब से जाकर बात करना मैं नाम, पता लिखने आया हूं, जिसके बाद मैंने कहा कि आज रविवार है मैं मीडिया नहीं बुला पाया हूं सोमवार को मीडिया बुलाउंगा, तो उसने तुंरत 5 मिनट में डेडबॉडी बता दी और कहा कि इंदौर चले जाओ। पांच मिनट में थाने आओ नहीं तो हम लेने आ रहे हैं।