हल्द्वानी: बूथों में पोलिंग पार्टियों को दो दिन तक भोजन कराने वाली भोजनमाताओं को खाली हाथ वापस भेज दिया गया। मामले में प्रगतिशील भोजनमाता संगठन ने शासन-प्रशासन पर भोजनमाताओं की अनदेखी और बेगारी कराने का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार दमुआढूंगा क्षेत्र के जमरानी प्राइमरी स्कूल में भोजन माता हंसी देवी और तारी देवी ने चुनाव संपन्न करवाने आये 25 मतदान कर्मियों का खाना बनाया। साथ ही अन्य सेवाएं भी दी, लेकिन इसके बदले उन्हें मेहनताना नहीं दिया गया। भोजनमाताओं का कहना है कि सरकार चुनाव कर्मियों को तनख्वाह के अलावा चुनाव ड्यूटी का अतिरिक्त पैसा देती है जिसमें यात्रा भत्ता, खाना व अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। सबसे निचले पायदान में आने वाली भोजनमाताओं से चुनाव में कई काम करवाए जा रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है। प्रगतिशील भोजनमाता संगठन से जुड़ी भोजन माताओं का कहना है कि वे उत्तराखंड सरकार की घोर निंदा करता है और मांग करती हैं कि भोजनमाताओं से बेगारी करवाना बंद करें।