तमिलनाडु हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट, पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले उन्हें 17 तोपों की सलामी भी दी गई. इस दौरान सेना के 800 जवान मौजूद रहे. आवास के अलावा बरार स्क्वायर का दृश्य काफी हृदय विदारक था. लोग अपने जांबाज सिपाही के अंतिम सफर के हर क्षण को अपनी आंखों के सामने होते देखना चाहते थे. सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को उनकी बेटियां कृतिका और तारिणी ने भी श्रद्धांजलि दी. अंतिम संस्कार से पहले 17 तोपों की सलामी दिए जाने के अलावा तीनों सेनाओं के बिगुल बजाए गए. वहीं सैन्य बैंड ने शोक गीत बजाया गया. वहीं अंतिम दर्शन स्थल पर 12 ब्रिगेडियर स्तर के अफसर तैनात थे. इससे पहले अंतिम यात्रा में 99 सैन्यकर्मियों ने एस्कॉर्ट किया. वहीं रास्ते भर लोगों ने शव वाहन पर पुष्प अर्पित करने के साथ ही 'जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा' के नारे लगाए.