हरिद्वार। खादी ग्रामोद्योग द्वारा प्रदर्शनी 14 अगस्त से 19 अगस्त तक रेलवे स्टेशन परिसर में लगायी गयी। प्रदर्शनी का शुभारंभ मुरादाबाद मण्डल की सीनियर डीसीएम अंजू सिंह ने रिबन काटकर किया। इस अवसर पर दीपक चौहान, राज्य निदेशक केबीआईसी रामनारायण, सह निदेशक बीएस कण्डारी, नोडल अधिकारी कैलाशचंद चमोली, स्टेशन अधीक्षक एमके सिंह, आरपीएफ एसओ बीएस चौहान, मनसा खादी ग्रामोद्योग आश्रम के सचिव जगदीश सैनी, प्रदीप कुमार आदि मौजूद रहे। प्रदर्शनी में खादी को बढ़ावा देने के लिए रेलवे स्टेशन पर उपभोक्ताओं के लिए कुर्ता पायजामा, तोलिया, जैकेट के अलावा खादी ग्रामोघोग से तैयार शैम्पू, धूपबत्ती के अलावा घरों के साज सज्जा के सामान भी लगाए गए हैं। सीनियर डीसीएम ने कहा कि खादी को बढ़ावा देने के लिए सरकार हस्तशिल्प सूक्ष्म लघु कारखानों को लगातार प्रदेश में लगा रही है। लोगों को भी हस्तशिल्प से रोजगार प्राप्त हो रहे हैं। आजादी के 75 वर्ष हो चुके हैं। खादी देश के विभिन्न राज्यों में आज भी प्रासंगिक हैं। खादी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही प्रत्येक रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शनी लगायी गयी है। मनसा खादी ग्रामोद्योग आश्रम के सचिव जगदीश सैनी व दीपक चौहान ने कहा कि खादी परंपरागत तरीके से भारतवर्ष में चली आ रही है। खादी को बढ़ावा देने के लिए सरकारें भी लगातार अपने प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि खादी देश का स्वाभिमान है। देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है तो खादी को अपनाना चाहिए। युवक युवतियां सूक्ष्म हस्तशिल्प लघु उद्योगों से रोजगार प्राप्त कर खादी को प्रसिद्धि दिलाने में अपना योगदान दे रहे हैं। राज्य निदेशक केबीआईसी रामनारायण व सहनिदेशक बीएस कण्डारी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में कुटीर लघु उद्योगों के माध्यम से खादी वस्त्रों को तैयार किया जाता है। महिलाओं को रोजगार परक बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें काम कर रही हैं। युवाओं को खादी से बने वस्त्रों को पहनना चाहिए। समाजसेवी संगम शर्मा ने रेलवे स्टेशन पर खादी प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि खादी हमारा पारंपरिक वस्त्र है। विदेशी वस्त्रों को ना अपनाकर परंपरागत खादी वस्त्रों का उपयोग भारतवासियों को करना चाहिए।